चेन्नई. ओएमआर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में 76 साल के बुजुर्ग के हृदय में लगा स्टेंट निकालकर जटिल बाईपास सर्जरी कर उन्हें नया जीवनदान दिया गया। हालांकि यह हार्ट सर्जरी आम बात हो गई है, लेकिन यह सर्जरी इस मायने में महत्व रखती हैं कि मरीज बुजुर्ग है और हार्ट अटैक आने के बाद उसके हृदय में स्टेंट लगाया गया था। स्टेंट में संक्रमण फैल जाने के कारण बुजुर्ग की जान आफत में आ गई थी। अपोलो अस्पताल के कंसल्टेंट कार्डियाक सर्जन डॉ. एम.एम. यूसुफ ने बताया कि यह
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1 August 2024
चेन्नई. ओएमआर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में 76 साल के बुजुर्ग के हृदय में लगा स्टेंट निकालकर जटिल बाईपास सर्जरी कर उन्हें नया जीवनदान दिया गया। हालांकि यह हार्ट सर्जरी आम बात हो गई है, लेकिन यह सर्जरी इस मायने में महत्व रखती हैं कि मरीज बुजुर्ग है और हार्ट अटैक आने के बाद उसके हृदय में स्टेंट लगाया गया था। स्टेंट में संक्रमण फैल जाने के कारण बुजुर्ग की जान आफत में आ गई थी। अपोलो अस्पताल के कंसल्टेंट कार्डियाक सर्जन डॉ. एम.एम. यूसुफ ने बताया कि यह
ऑपरेशन काफी कठिन था,
क्योंकि
मधुमेह का मरीज हैं। डॉक्टरों की टीम द्वारा किए गए प्रारंभिक आकलन से इंट्राकोरोनरी स्टेंट में संक्रमण का पता चला, जिसने कोरोनरी धमनी को नष्ट कर दिया था और महाधमनी तक फैलने के साथ ही फटने का खतरा पैदा कर दिया था। मामले की गंभीरता को समझते हुए डॉ. एम. एम. यूसुफ के नेतृत्व में टीम ने इंट्राकोरोनरी स्टेंट और संक्रमित गुहा को निकालने के साथ- साथ कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्ट सर्जरी (सीएबीजी) की। सफलतापूर्वक की गई सर्जरी के छह सप्ताह बाद – मरीज की पोस्टऑपरेटिव रिकवरी भी बिना किसी परेशानी के हुई ।
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